Wednesday, May 22, 2024

Breaking News

   एमसीडी में एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर SC 8 मई को करेगा सुनवाई     ||   यूक्रेन से युद्ध में दिसंबर से अब तक रूस के 20000 से ज्यादा लड़ाके मारे गए: अमेरिका     ||   IPL: मैच के बाद भिड़ गए थे गौतम गंभीर और विराट कोहली, लगा 100% मैच फी का जुर्माना     ||   पंजाब में 15 जुलाई तक सरकारी कार्यालयों में सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक होगा काम     ||   गैंगस्टर टिल्लू की लोहे की रोड और सूए से हत्या, गोगी गैंग के 4 बदमाशों ने किया हमला     ||   सुप्रीम कोर्ट ने 'द केरल स्टोरी' पर बैन लगाने की मांग वाली याचिका पर तुरंत सुनवाई से किया इनकार     ||   नीतीश कटारा हत्याकांड: SC में नियमित पैरोल की मांग करने वाली विशाल यादव की याचिका खारिज     ||   'मैंने सिर्फ इस्तीफा दिया है, बाकी काम करता रहूंगा' नेताओं के मनाने पर बोले शरद पवार     ||   सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती    ||   कर्नाटक हिजाब केस में SC ने तुरंत सुनवाई से इंकार किया    ||

लिव-इन रिलेशन पर सुप्रिम कोर्ट ले सकती है बड़ा फैसला, महिलाओं को मिल सकता है गुजारा भत्ता

प्रियंका गुप्ता
लिव-इन रिलेशन पर सुप्रिम कोर्ट ले सकती है बड़ा फैसला, महिलाओं को मिल सकता है गुजारा भत्ता

नई दिल्ली। लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कोर्ट जल्द ही बड़ा फैसला लेने वाला है। लिव-इन को लेकर कोर्ट वैसे तो पहले ही मान्यता दे चुका है पर अब लम्बे समय तक किसी महिला के साथ रहने और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद उसे छोड़ने के मामले पर भी कोर्ट फैसला लेने पर विचार कर रही है। इसके तहत कोर्ट ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस पर फैसला करने के विषय में सोच रही है। कोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार से राय मांगी है कि अगर कोई पुरुष महिला के साथ काफी लम्बे समय से रहने के बाद शादी से मुकर जाता है तो क्या उसकी कोई जिम्मेदारी बनती है? क्या महिला को पत्नी के समान गुजारा भत्ता और संपत्ति का अधिकार प्राप्त होना चाहिए? क्या इस तरह के रिश्तों को शादी की तरह देखा जा सकता है?

ये भी पढ़े-रेलवे ने शिकायतों के मद्देनजर लिया बड़ा फैसला, राजधानी वालों की थाली के वजन में 150 ग्राम की कटौती

यहां आपको बता दें कि जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या इस तरह के करीबी रिश्तों को शादी जैसा माना जा सकता है। अगर ऐसा मुमकिन है तो इसकी क्या सीमा होनी चाहिए? कितने समय तक चले रिश्तों को इसके तहत शामिल करना चाहिए। कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी को इस मामले में मदद के लिए एमिकस क्यूरी के तौर पर नियुक्त किया है।  कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को इस मसले पर अदालत की मदद के लिए किसी लॉ ऑफिसर को नियुक्त करने को कहा है।

क्या है मामला


बेंगलुरु के आलोक कुमार ने कोर्ट में याचिका दायर कर खुद पर लगे दुष्कर्म और अन्य आपराधिक मामलों को खत्म करने की मांग की है। उसका कहना है की महिला उसके साथ अपनी मर्जी से रह रही थी उसने महिला के साथ किसी भी प्रकार की जोर जबर्दस्ती नहीं की इसलिए उस पर लगाए गए आरोप जायज नहीं हैं जिसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता के खिलाफ चल रहे आपराधिक मामले पर रोक लगा दी है।

ये भी पढ़े-बीच भंवर में फंसे कैलाश मानसरोवर यात्री किए जाएंगे 'एयर लिफ्ट', सुषमा ने नेपाल से मांगी मदद

वैसे तो लिव-इन रिलेशन को मान्यता प्राप्त है पर महिलाओं की सुरक्षा और इस तरह के मामलों से निपटने के लिए कोर्ट ने इस पर फैसला लेने का निर्णय लिया है।

 

Todays Beets: